यह पुस्तक मेरे गांव पर आधारित है। मेरे गांव के पुरखों द्वारा संजोया गांव मेरी धरोहर से कमतर नहीं। गांव के मिट्टी की सोंधी महक आज भी पुरखों की याद दिलाती है। मेरे गांव के पुरखों की सामाजिक व्यवस्थाएं, परम्पराएं, संस्कृति को दर्शाने का प्रयास करती प...
यह पुस्तक मेरे गांव पर आधारित है। मेरे गांव के पुरखों द्वारा संजोया गांव मेरी धरोहर से कमतर नहीं। गांव के मिट्टी की सोंधी महक आज भी पुरखों की याद दिलाती है। मेरे गांव के पुरखों की सामाजिक व्यवस्थाएं, परम्पराएं, संस्कृति को दर्शाने का प्रयास करती पुस्तक मेरे गांव के पुरखों को समर्पित है। प्रकृति के निकट रहकर प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रयोग कर जो विलासिता से दूर स्वच्छंद वातावरण में प्रकृति को आत्मसात कर एक स्वस्थ व सरल जीवन जीने की कला में महारत हासिल कर चुके थे।