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Aart Gaan

by Videh Arvind Kumar | 18-May-2022

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आर्त-गान ‘वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान उमड़कर आँखों से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान!’ (सुमित्रा नंदन पंत) या ‘मा निषाद त्वं गम: प्रतिष्ठां शाश्वती समा: यत् क्रौंच मिथुनादेकं त्वं वधी: काम मोहितं !’ (महर्षि वाल्मीकि) चाहे तो आदि कवि वा...
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Book Details

  • Language : Hindi
  • Pages : 159
  • ISBN : 9789356283114
  • Genre: POETRY
  • Size : 5 in x 8 in
  • Binding Type : PAPERBACK
  • Age Group: + Years
  • Paper Type : NATURAL SHADE/ OFF-WHITE PAPER
  • Interior : BLACK & WHITE
  • Cover : GLOSS FINISH
  • Book Type : PAPERBACK
  • Tags : Aart Gaan,Poetry
  • Best Sellers Rank :
    #9 in Poetry
    #37 in Global

Reviews

  • 'VIDEH' ARVIND KUMAR

    13-09-2022

    बाल्य-काल में लिखी होने के बावजूद इन कविताओं में जो रवानी है वह अत्यंत रस-भरी है! बच्चों के अपने मतलब की लगेंगी किंतु बड़ों को निश्चय ही ये कविताएँ अपने मतलब की लगेंगी, तय मानिए।