अमर सुमन _ एक प्रकृति सौंदर्य जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है _ लेखिका ने इस पुस्तक का नाम अपने माता पिता के ही नाम पर रखा है। तथा इसका आधार प्रकृति को बनाते हुए इसकी रचना की है।। यह सिर्फ एक रचना नहीं अपितु एक मनोभाव है ना सिर्फ प्रकृति के रूप क...
अमर सुमन _ एक प्रकृति सौंदर्य जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है _ लेखिका ने इस पुस्तक का नाम अपने माता पिता के ही नाम पर रखा है। तथा इसका आधार प्रकृति को बनाते हुए इसकी रचना की है।। यह सिर्फ एक रचना नहीं अपितु एक मनोभाव है ना सिर्फ प्रकृति के रूप की अपितु एक नारी के हृदय की।। प्रकृति अपनी पीड़ा, अपना प्रेम सब कुछ अपने माध्यम से ही दर्शाती है और हम इंसानों को बिल्कुल उसकी इजाज़त लेनी ही चाहिए!! हर गुनाह से पहले और ये कोशिश करनी चाहिए कि हम उसके प्रेमपात्र ही बने रहें।। इस पुस्तक में लेखिका ने ना सिर्फ प्रकृति के सौम्य रूप अपितु उसके रौद्र रुप पर भी पर्याप्त प्रकाश डाला है।। और सचेत करने का प्रयास किया है।। क्योंकि हमने हाल ही के वर्षों में प्रकृति का एक भयावह विचित्र रूप देखा है जो अभी भी पूर्ण रूप से समाप्त हुआ नहीं है।। इसी उम्मीद के साथ कि लोग इससे सबक लें सकें लेखिका ने प्रकृति के कुछ तत्वों को उभारने का प्रयास किया है तथा अब आपकी इस पुस्तक के प्रति जागरूकता ही बता सकती है कि वह अपनी रचना में कहाँ तक सफल हुई हैं।।