यह किताब कविताओं से भरी पड़ी है। यह किताब प्रेम के प्रतीक के बारे में है अर्थात् हमारे अपने, वह अपने जो हमें दिल से प्रेम करते हैं, वह अपने जो खून के रिश्ते में गिने जाए या नहीं उस से फर्क नहीं पड़ता, वह अपने जो आत्मा से हमें अपना मानते हैं। ये कव...
यह किताब कविताओं से भरी पड़ी है। यह किताब प्रेम के प्रतीक के बारे में है अर्थात् हमारे अपने, वह अपने जो हमें दिल से प्रेम करते हैं, वह अपने जो खून के रिश्ते में गिने जाए या नहीं उस से फर्क नहीं पड़ता, वह अपने जो आत्मा से हमें अपना मानते हैं। ये कविताएँ पढ़कर जो भी शख्स आपके मन में आता है तो समझ लेना कि वही आपका बताशा है क्योंकि अपनों का होना बताशा जैसा है। इस पुस्तक में सुंदर, मनमोहक, और मीठी कविताएँ हैं, इसका भरपुर आनन्द लें और अपनों के होने की खुशी मनाएं।