जिस समाज मे हम रहते है वहाँ कुछ ऐसे बदरंग सच सदियों से लेकर आजतक है , जिसे हम सभी रोजाना महसूस करते है परंतु उसे कह नहीं पाते है। उनमे से कुछ चुनिंदा सच को मेरी कलम ने मुखरता से बिना किसी संकोच के शब्दों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। इन कविताओं...
जिस समाज मे हम रहते है वहाँ कुछ ऐसे बदरंग सच सदियों से लेकर आजतक है , जिसे हम सभी रोजाना महसूस करते है परंतु उसे कह नहीं पाते है। उनमे से कुछ चुनिंदा सच को मेरी कलम ने मुखरता से बिना किसी संकोच के शब्दों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। इन कविताओं की रचना का उद्देश्य है कि ये सच के ध्वजवाहक की तरह आम जनमानस की जुबान पर अपना स्थान प्राप्त कर हर समय आगे बढ़ता रहे और करोड़ो करोड़ लोगों की तरह समाज मे स्वतंत्रता और समानता प्राप्त करने के लिए चली आ रही सामाजिक क्रांति में अपना एक छोटा सा योगदान दे सके।