घर व सबक एक रूबाई संग्रह है। ‘घर’, सात दिनों में लिखा विचार प्रवाह है। ये तीव्र विचार प्रवाह, कवि से पाठक तक पहुंचता है। जो उद्वेलित करता है। साहित्य आकादमी ने इस को 1980 में पुरस्कृत किया है।एक वायुसेना अधिकारी को यह पुरस्कार कईयों को चैंकाने वाल...
घर व सबक एक रूबाई संग्रह है। ‘घर’, सात दिनों में लिखा विचार प्रवाह है। ये तीव्र विचार प्रवाह, कवि से पाठक तक पहुंचता है। जो उद्वेलित करता है। साहित्य आकादमी ने इस को 1980 में पुरस्कृत किया है।एक वायुसेना अधिकारी को यह पुरस्कार कईयों को चैंकाने वाला था। ‘सबक’ भी एक रूबाई संग्रह है। यह ‘कबीर’ से प्रेरित है। यह एक उच्च कोटी का संग्रह है। इसी के साथ लगभग 160 रूबाईयां भी हैं। यह एक श्रेष्ठ रचना संग्रह है। पूरा रूबाई संग्रह मन को मथ देता है।