यह कहानी शमा की है। मैं अगर हर एक उपन्यास में मौजूद आम सी कहानी को लिखने बैठती तो शायद इस किताब को कभी पूरी न कर पाती। इसलिए ख़ुद को लिखते रहने पर मजबूर करने के लिए मैंने कहानी को कविता से जोड़ दिया। अब यह कविता शमा की है। यह बस एक कविता के अन्दाज...
यह कहानी शमा की है। मैं अगर हर एक उपन्यास में मौजूद आम सी कहानी को लिखने बैठती तो शायद इस किताब को कभी पूरी न कर पाती। इसलिए ख़ुद को लिखते रहने पर मजबूर करने के लिए मैंने कहानी को कविता से जोड़ दिया। अब यह कविता शमा की है। यह बस एक कविता के अन्दाज़ में लिखी एक कहानी है। कुछ लोगो को यह लग सकता है कि यह कहानी मेरी है और बेहद ही अटपटी है, इस कहानी को बेशक अटपटी ज़रूर कहे सकते है मगर अफ़सोस मेरी नहीं। यह कहानी शमा की है जो सुना भी साहिबा रही है। मेरा किरदार महज़ इन किरदारों को लिखने तक का है। यह सिर्फ़ हिन्दी उर्दू में लिखी हुई एक कहानी है जिसका तालुक़ है इश्क़ से, जिसको अगर हम कविता भी कहेगी तो कोई हर्ज नहीं।