जीवन पथ पे चलते हुए पथिक तो न जाने कितने संघर्ष ,सफलता, असफलता, प्रेम, वियोग, दुःख सुख, स्वाभिमान,अभिमान, इत्यादि के समावेश के नजारों से आत्मछवि को सहना सुनना होता है ऐसे में संकट काल में विपत्ति काल में धैर्य, शोर्य साहस की अभिलाषा से आगे कैसे जी...
जीवन पथ पे चलते हुए पथिक तो न जाने कितने संघर्ष ,सफलता, असफलता, प्रेम, वियोग, दुःख सुख, स्वाभिमान,अभिमान, इत्यादि के समावेश के नजारों से आत्मछवि को सहना सुनना होता है ऐसे में संकट काल में विपत्ति काल में धैर्य, शोर्य साहस की अभिलाषा से आगे कैसे जीवनपथ को लेना चाहिए उन्ही गुणों का संपूर्ण शाश्वत समावेश अनुपम काव्य रूपांतन सभी वर्ग के पाठकों विशेषकर बच्चों वह युवा पीढ़ी के लिए एक अनुपम उपहार है मानव मूल्यों वह सफलता के शिखर को सरलतम रूप जीवन पथ में समाहित है माता पिता आज की युवा शक्ति इश अनुपम काव्य जीवनपथ को सम्पूर्ण राष्ट्र में फैला कर भेट कर आज के बच्चों को जीवन जीने की शैली में कभी खुशी कभी गम की जिन्दगी में हारे नही जीवन को उमंग, उसाहपूर्वक में जिए ऐसे विचारों संस्कारो को जीवनपथ भेट कर प्रेरित कराए एवम कम समय में सरल रूप से अधिक जानकारी ले लेखक के इस प्रयास में सहभागी बनें इसी कामना के साथ जीवनपथ आप सभी को समर्पित हैं !