यह पुस्तक कविताओं का एक संग्रह है जो लेखिका के जीवन की कहानी को उनके दृष्टिकोण से बताती है। लेखिका एक सुखी विवाहित गृहिणी है, जिनके दो बच्चे और बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। यह कविताएं उनके उम्र के हर पड़ाव के अनुभवों के बारे में बात करती हैं। लोखि...
यह पुस्तक कविताओं का एक संग्रह है जो लेखिका के जीवन की कहानी को उनके दृष्टिकोण से बताती है। लेखिका एक सुखी विवाहित गृहिणी है, जिनके दो बच्चे और बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। यह कविताएं उनके उम्र के हर पड़ाव के अनुभवों के बारे में बात करती हैं। लोखिका ने सन् 2017 की 17 मई को अपने जज़्बातों को कलम करते हुए इस दौर की पहली कविता ‘मन की बात’ लिखी और "फेसबुक" पर उनके दोस्तों ने उसको खुद के ‘मन की बात’ माना और उसको अपने दिल के करीब जाना। उनके प्रोत्साहन पर लेखिका ने लिखना जारी रखा और देखते ही देखते यह उनका पसंदीदा शौक बन गया। ‘तलाश, ‘अजनबी हमराह’ और, ‘चाहत’, उनकी पसंदीदा कविताओं में से हैं, इन सभी को दोस्तों ने सराहा और अधिक लिखने की प्रेरणा दी। इस किताब में लिखिका ने यही कोशिश की, कि कविताओं में सभी भावों का मिश्रण हो। माँ की ममता, बचपन,जवानी, और अनेक प्रकार के भावों से भरपूर यह किताब सब उम्र को भाएगी।