सुकून की तलाश जब तन्हाई पर ख़त्म हो, मौकापरस्त अल्फाज़ ज़ेहन में चीखते हैं, कागज़ में पनाह पाकर मिली उनकी खुशी को क्या बताएं? हम क्यों लिखते हैं? जिनके क्रांतिकारी, विस्तृत विचारों की गर्जना से, सामाजिक व्यवधान की सारी शंकाएं घटते हैं, उस पूजनीय प...
सुकून की तलाश जब तन्हाई पर ख़त्म हो, मौकापरस्त अल्फाज़ ज़ेहन में चीखते हैं, कागज़ में पनाह पाकर मिली उनकी खुशी को क्या बताएं? हम क्यों लिखते हैं? जिनके क्रांतिकारी, विस्तृत विचारों की गर्जना से, सामाजिक व्यवधान की सारी शंकाएं घटते हैं, उस पूजनीय प्रेरणास्रोत की मान वंदना में - क्या बताएं? हम क्यों लिखते हैं?