‘कृतज्ञता के सिद्धांत’ हर श्रेणी के व्यक्तियों के लिए एक शांति की कुंजी है। यह उन सभी व्यक्तियों के लिए एक बेहतरीन लेख है जो कृतज्ञता के द्वारा अपने जीवन को दृढ़ता प्रदान करना चाहते हैं। यह किताब आपका कृतज्ञता के विभिन्न पहलुओं से परिचय कराती है, ...
‘कृतज्ञता के सिद्धांत’ हर श्रेणी के व्यक्तियों के लिए एक शांति की कुंजी है। यह उन सभी व्यक्तियों के लिए एक बेहतरीन लेख है जो कृतज्ञता के द्वारा अपने जीवन को दृढ़ता प्रदान करना चाहते हैं। यह किताब आपका कृतज्ञता के विभिन्न पहलुओं से परिचय कराती है, और साथ-ही-साथ कृतज्ञता के अभ्यास को दैनिक जीवन में उतारने पर जोर देती है। किसी भी उम्र का व्यक्ति, अपने जीवन के किसी भी पड़ाव पर इसका संपूर्ण लाभ उठा सकता हैं। कृतज्ञता के संदर्भ में, हम जितना अधिक इसका अभ्यास करते है, यह उतनी ही प्रबल होती जाती है एवं व्यक्ति को लाभान्वित करती जाती हैं; बिल्कुल जिम जाने की तरह— हम आसानी से अंतर कर सकते हैं; एक ऐसे व्यक्ति में जो मुश्किल से हफ्ते में एक बार जिम जाता है और दूसरी ओर, ऐसा व्यक्ति जो रोजाना नियमित तौर पर जिम जाता है। परिणाम का अनुमान आप स्वयं लगा सकते हैं! यदि आप कृतज्ञता के अभ्यास में रुचि नहीं रखते तो आप पाएंगे कि कृतज्ञता द्वारा मिला हुआ लाभ क्षीण होता जा रहा है; साथ-ही-साथ प्रकृति द्वारा मिले उपहार भी अपना महत्व लगातार खोते जा रहे हैं। कृतज्ञता का यथार्थ, प्रत्येक चीज में शालीनता खोजना ही है। मैंने ‘कृतज्ञता के सिद्धांत’ में अपना सर्वाधिक समय और ऊर्जा लगायी हैं। और, मैं पूरे हृदय से चाहता हूँ कि मेरी कृतज्ञता यात्रा का लाभ दुनिया के हर व्यक्ति को हो। कृतज्ञता के पाँच मुख्य स्तंभ है— स्वचालन, चैतन्यता, भावपूर्ण, संयोजन एवं उत्प्रेरक— क्रिस पाल्मोर