पेड़ पौधों की दुनिया बड़ी रोचक और निराली है वे हमें कभी कुछ खाते पीते नहीं दिखते फिर भी बढ़ते हैं। फूलते - फलते तो है ही। यह उनका कुदरती गुण है। हरे होने के कारण वे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं जो अक्सर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और वसा, के रूप में ...
पेड़ पौधों की दुनिया बड़ी रोचक और निराली है वे हमें कभी कुछ खाते पीते नहीं दिखते फिर भी बढ़ते हैं। फूलते - फलते तो है ही। यह उनका कुदरती गुण है। हरे होने के कारण वे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं जो अक्सर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और वसा, के रूप में होता है परंतु इनमें से कुछ पौधों की पाकशालाओं में अर्थात पत्तियों में कुछ और भी खिचड़ी पकती रहती है अर्थात इनके अतिरिक्त भी वहां बहुत सारे रसायन बनते रहते हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये कुतरने वाले कीट पतंगों चरने वाले चौपायों और बीमारी फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों से उन्हें बचाते हैं। क्या ही मजेदार बात है कि जो रसायनिक पदार्थ इन्हें कवक और बैक्टीरिया के संक्रमण और उनके दुष्प्रभावों से बचाते हैं। वही पदार्थ में हमें भी तरह तरह के रोगों से निपटने में सक्षम बनाते हैं। वैज्ञानिक इन्हें सेकेंडरी मेटाबॉलिट्स कहते हैं। इन पदार्थों को हम अलकोलाइट ग्लाइकोसाइड्स टर्पिंन्स और फिनोल्स के नाम से जानते हैं। जिन पौधों में यह पदार्थ बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं उन्हीं पौधों को हम औषधि पौधे कहते हैं। इसी तरह के रसायनों से कुछ पौधों में अद्भुत और चमत्कारी गुण भी देखे जाते हैं। इस पुस्तक में हम हमारे आस पास पाए जाने वाले ऐसे कुछ जाने अनजाने औषधि पौधे, जादू टोना में उपयोग किए जाने वाले पौधे, हिंगोट युद्ध में रॉकेट की तरह इस्तेमाल किए जाने वाले पेड़ और हवा में टंगे आलू जैसे अद्भुत पौधों के बारे में चर्चा की गयी है। यह पुस्तक पेड़ पौधों की दुनिया के कुछ रोचक रोमांचक और अद्भुत रहस्यों को उजागर करती है। पेड़ पौधों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी चाहने वाले जन सामान्य और जिज्ञासु विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी यह मेरा विश्वास है