अभिषेक गोरका हिंदी लेखन में शुरू से ही रुचि रखते आए हैं। विद्यालय के समय से ही इन्होंने हिंदी को तहेदिल से पढ़ा और परिणाम भी पाया। इस किताब में प्रकाशित कविताएं लेखक के अनुभव व कल्पना का समावेश है। इस किताब में जीवन के विभिन्न तथ्यों व विषयों की झ...
अभिषेक गोरका हिंदी लेखन में शुरू से ही रुचि रखते आए हैं। विद्यालय के समय से ही इन्होंने हिंदी को तहेदिल से पढ़ा और परिणाम भी पाया। इस किताब में प्रकाशित कविताएं लेखक के अनुभव व कल्पना का समावेश है। इस किताब में जीवन के विभिन्न तथ्यों व विषयों की झलक आपको पुरजोर मिलेगी। प्रेम, पीड़ा, करुणा, आशा, संकल्प जैसे अन्य भाव आपको दर्पण दिखाने का कार्य करेंगे। इस किताब में होंगे आप ख़ुद को पाने के एक सफर में जहां आप स्वयं को स्पष्टता से देख पाएंगे। यह सफर आपको भागदौड़ से दूर कहीं आराम पहुंचाए, ऐसी मेरी कल्पना है और आशा भी। इन्होंने लिखने की शुरुआत सोशल मीडिया पर की, सबका इतना प्यार मिला के इनमें सीखने की इच्छा व ख़ुद को बेहतर करने की चाह बड़ गई। देखते ही देखते इनकी पंक्तियां कविताओं का रूप धारण करने लगीं और इनमें एक अलग ही इंसान का जन्म हुआ।