पम्मी एक गीत संग्रह है, जो गेय होने के साथ मार्मिक भी है। मन अथाह गहरार्ठयों से जो भाव फूटे हैं वह अनुपम है। पिता दा रो कोई रो नी पूनम, खाली-मूली आलड़े च निं रौह्ने गी मन करदा, उच्चड़ी उड़ान भरी लै, धीयां चिड़ियें दा चम्बा न, तेरा मसीहा कोई नहीं, मन-प...
पम्मी एक गीत संग्रह है, जो गेय होने के साथ मार्मिक भी है। मन अथाह गहरार्ठयों से जो भाव फूटे हैं वह अनुपम है। पिता दा रो कोई रो नी पूनम, खाली-मूली आलड़े च निं रौह्ने गी मन करदा, उच्चड़ी उड़ान भरी लै, धीयां चिड़ियें दा चम्बा न, तेरा मसीहा कोई नहीं, मन-पखेरूआ, सुन ओ पन्डारे ए, मानू ते मशाफर ऐ। साथ ही कुछ भजन भी हैं। तू देवी में तेरा नौकर, पहाड़े वाली। प्रवाह में डोगरी व अंग्रेजी में निबंघ, लेख व पुस्तक समीक्षायें हैं।