हिन्दी साहित्य प्राचीन काल से अपनी उत्कृष्ट सृजन क्षमता के लिए विश्व में जाना जाता है। पद्य विधाओं में आज आधुनिक परिवेश ने अनेक विदेशी, देशी विधाओं को आत्मसात् किया है। हिन्दी साहित्य पद्य में महाकाव्य और खण्डकाव्य का ही प्रचलन था किन्तु भौगोलिक प...
हिन्दी साहित्य प्राचीन काल से अपनी उत्कृष्ट सृजन क्षमता के लिए विश्व में जाना जाता है। पद्य विधाओं में आज आधुनिक परिवेश ने अनेक विदेशी, देशी विधाओं को आत्मसात् किया है। हिन्दी साहित्य पद्य में महाकाव्य और खण्डकाव्य का ही प्रचलन था किन्तु भौगोलिक पर्यावरण या वैश्विक क्रांति अथवा वैश्वीकरण ने आज समूचे भू मण्डल को एक स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। वर्तमान में उर्दू विधा की गज़ल हिन्दी में अपना स्थान बना चुकी है । ठीक उसी विधा में कुछ सामाजिक और कुछ _ कुछ सभी लोगों की भावनाओं को एवम अपने कुछ विचारो को शब्दों के माध्यम से कविताओं और शायरियों में पिरोकर आप लोगो के समक्ष प्रस्तुत किया है। कुछ लोगों के पारिवारिक विघटन और तनाव नये बौद्धिक समाज की एक महत्त्वपूर्ण समस्या है। इसकी एक ऐसी सूक्ष्म-संवेद्य पड़ताल यहां सहज उपलब्ध है, जो आपके आस-पास या आप बीती लग सकती है। इस पुस्तक लेखन में मेरे सहयोगी जानो का ह्रदय तल से आभार व्यक्त करता हु ।