"शिवोहम" अर्थात "मैं शिव हूं"।यह किताब शिवमय होने का मार्ग है।यह किताब हमे अपने अंदर बैठे ईश्वर की सत्य रूप से पूजा करना सिखाती है। मेरे सत्य अनुभव पर लिखी गई यह किताब ध्यान, धर्म और अंतरिक रहस्यों के बारे में है। अध्यात्म रूपी अमृत पर यह मेरे अनु...
"शिवोहम" अर्थात "मैं शिव हूं"।यह किताब शिवमय होने का मार्ग है।यह किताब हमे अपने अंदर बैठे ईश्वर की सत्य रूप से पूजा करना सिखाती है। मेरे सत्य अनुभव पर लिखी गई यह किताब ध्यान, धर्म और अंतरिक रहस्यों के बारे में है। अध्यात्म रूपी अमृत पर यह मेरे अनुभव हैं। मेरी गुरु मां द्वारा दिया गए ज्ञान और प्रकाश को यह समर्पित है।सांसारिक दुनिया में ऐसे अनुभव प्राप्त करना मेरा सौभाग्य है और उन्हें लेखनी के माध्यम से सबके साथ किताब के रूप में सांझा करना महा पुण्य। मेरी ईश्वर से विनती है कि यह अनुभव ज्यादा से ज्यादा लोग स्वयं कर सकें।यह किताब ईश्वर को पहचानने की और अपनाने की एक नियमावली है।यह अनुभव ईश्वर के सानिध्य में रहने की एक झलक है।