Stories By NITISH SAHAI
कलम के आइने से
- Author NITISH SAHAI
सत्ता की लोलुप्ता ने ऐसा हाल कर दिया है अपनो को सारे जमाने मे बेहाल कर दीया है जिसने सत्ता के शिखर पे बैठाया उनसे ही गहरे सवाल कर दिया है भूल गए है इतिहास की सत्ता उनके हाथ की मेल कल भी थी ओर आज भी है ओर कल भी रहेगी कोई गुरेज नही जो तुम बदल गए हमारे
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कलम के आइने से
- Author NITISH SAHAI
" कलम या औजार" मैं कल हूं तुम्हारा तुम्हे आज चुनना है खड़ा हु दहलीज पे तुम्हारे बस एक बार चुनना है हथियार हूं तुम्हारे भाग्य का कलम की बात सुनना है औजार की आवाज चुनना है मुमकिन है की चंद खविशे पूरी हो जाए तुम्हारे औजार चुनने से तुम्हे आज चुनना है य
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