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Stories By Ashok kumar

शायरी

  • Author   Ashok kumar

ना जाने क्यूँ खुद को अधूरा सा पाया है, हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है । शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में, तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है । Ashok kumar

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