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Stories By DEVENDRA SANKHALA

एक अधूरी कहानी

  • Author   DEVENDRA SANKHALA

आज मौसम बड़ा सुहाना था। ना ज्यादा सर्दी थी और ना ही ज्यादा गर्मी थी। ठंडी ठंडी हवा चल रही थी जो दिल को छू कर सुकून दे रही थी। ऐसा लग रहा था जैसा मानो मेरा मन भी हवा के साथ ही लहरा रहा हो। अचानक से मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों ना इस सुहाने मौसम का

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