Loading

About The Author

Stories By Satyaveer

माँ में एक चिड़िया थी

  • Author   Satyaveer

माँ में एक चिड़िया थी माँ मेरा कसूर नही था, एक चाचू से चॉकलेट ही तो ली थी .. पापा सा वो लगता था !! मुझे बोला तुम बेटी हो मेरी !! उसके पहलू मे बैठ गई मै .. चॉकलेट खाती, बाते करती .. हाथ मेरे सर पर जो फेरा .. मै समझी थी इंसान ही ही होगा ... उसकी भी कोई बेटी होगी शायद उसने इसलिए चुम्मा मुझको.. मै भी खुश होकर गले से लग गयी.... माँ मेरा कसूर नहीं था...... एक चाचू से चॉकलेट ले ली .. 10 का नोट भी पकड़ाया था .. मुझको जैसे पापा याद आये ... खुशी से लेकर सोचा मैने .. चाचू के पैसे से 2 rupee की चॉकलेट और भी लेनी है मैने .. 3 Rupee भइया को दुगी .. 5 Rupee की गुडिया भी लेनी है मैने.. ऐसे मै वो बाते करता घर से दुर ले आया मुझे.. माँ मेरा कसूर नहीं था ..इक चाचू से चॉक लेट ले ली , मुझको कुछ भी समझ ना आया.. उसने अचानक लहजा बदला.. मुझे यू जमीन पर लौटाया .. मुँह मेरा जो बंद किया तो... मुझे फिर मालूम नही था.. चिल्हाकर तुझको बुलाना चाहा ऐ माँ .. माँ मेरे मासूम से जीस्म को चाचू ने माँस का टुकड़ा समझा.. कुत्ते की तरह काटा मुझको.. बिल्ली की तरह वो देख रहा था. .. माँ अब मै सह ना पायी .. आज तेरी कली मुरझा गई.. माँ मेरे हाथ मे देखो... एक चॉकलेट तो खा ली थी मैंने.. और एक हाथ में होगी .. माँ अबकी बार अगर पैदा होऊ मैं .. मुझको खुद से दुर ना करना माँ सुनो सुनो मैं माँस का टुकड़ा थी क्या.??? मैने क्या मांगा था.?? एक चॉकलेट के बदले? MAA मै जान गवाकर आयी !! Maa मैं चिड़िया थी तेरी.. एक दाने पर जान गवाई .. सुनो माँ अबकी बार पैदा हौऊ मैं, तो मुझको खुद से दुर ना करना !! मुझको खुद से दुर ना करना !!! माँ मेरा कसूर नही था.. .. . Satyaveer sonwar

  •   21
  • 5 (1)
  • 1

Loading