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Stories By Shravan Durugwar

बुढी दादी

  • Author   Shravan Durugwar

कुछ समय की बात है, कही साल पहले येक जंगल मे बुढी दादी रहा करती थी, उनको पेढ लगाने का बडा ही शौक था, (एक रूप से अनंद ही कहीये, कही दिन बीत गये, येक बार की बात है! जब वे रात को सो गई थी अचानक कही से तेज़ हवाये चलने लगी, पेढ़ जोर-जोर से हिलने लगे, बहुत तेज़ हवा का येक झोका आया और बुढी दादी के लगाये पेढ तुट गये, जब अगले दीन दादी उठ गई, तब ऊन्होने देखा, की सरे पेढ़ टुट चुके है, दादी बहुत रोडी Sorry पर मुझे और लिखना था पर 500 characters से आगे नही जा रहा, आपका शुक्रिया करता हु THANK YOU.

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