कभी अंग्रेजो के जमाने के जमीदार थे पूर्वज पप्पू जी के ,,,और वो जमीदारगिरी आज भी खून में दौड़ पर ईश्वर जाने इस जमीदारीपन ने क्या क्या दिन दिखा डालें,,,,,,,,,,,,,,,,,बात है निर्धनता की ऐसी निर्धनता की सारे जमीन बीक गई सारे, खेत बाड़ी,,,पहली शादी में प
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Biographies, Diaries & True Accounts
- Tags:
- Published Date: 28-Sep-2022
NEERAJ YADAV
User Rating
Anjali yadav
29-Sep-2022
जी बिल्कुल आज कल कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि सभी ने अपने हिसाब से आत्म सम्मान की परिभाषा तय कर रखी है