ख़ुद से एक मुक़ालमा क्या आपने कभी ख़ुद से बात की है? समर की दास्तान सिर्फ़ उसकी नहीं—हम सबकी है। यह किताब डिप्रेशन के हर पहलू को छूती है। शायद इसे पढ़कर आप भी… ख़ुद से एक मुक़ालमा करें।
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Health, Family & Personal Development
- Tags: Sadness , Darkness , Mental balance,
- Published Date: 09-Feb-2025
ख़ुद से एक मुकालमा
Zawaal
10-Feb-2025
Neetu Raja Bundela
08-Mar-2025
जब इतनी भयानक परिस्थिति हो, तब एक ही सलाह काम आती है और वह है, आध्यात्मिकता की राह .... जिस राह पर चल कर हम परोपकारी बनते हैं। और जब हम परोपकार के पथ पर चलते हैं तब तनाव (डिप्रेशन) नाम की चिड़िया अपने आप आसमान में फुर्ररर हो जाती है। इसलिए परोपकारी बनिए और खुश रहिए। आपके शब्दों में आन्तरिक दर्द की अभिव्यक्ति है, बहुत सुंदर।
Devendra singh parmar
20-Mar-2025
आपका दर्द में समझ सकता हूं जिस दर्द से आप पूछ रहे हो और आपने अपनी जीवनी को सुनाइए इस दर्द को अपने दिल में दबाकर अपने आप को इतना कठोर कर लो कि संसार की कोई ताकत कोई तकलीफ ना दे सके एक इंसान का दर्द कोई नहीं समझता हमेशा इंसान टाइम पास समझता है