क्या सपने देखना सही है? सपने देखना अच्छा माना जाता है और ये कहा जाता है कि अगर सपने नहीं देखोगे तो पूरे कैसे होंगे. यह बात एक हद तक सत्य है पर मेरी नज़र में आज की युवा पीड़ी की आर्थिक, सामाजिक उन्नती में सबसे बड़ी बाधा ये देखे गए ऊँचे सपने हैं. इंसान का बचपन बहुत आसान होता है और जब कोई आसानी में होता है तो सपने देखना और भी आसान हो जाता है. सपने जो बचपन में देखे ज़ाते हैं अक्सर बचपन की उम्र कई वर्ष बढा देते हैं कुछ लोग तो 40 वर्ष की उम्र में भी बचपने से बाहर नहीं निकल पाते और जब तक बचपना बना रहता है, व्यक्ति गंभीर नहीं हो पाता चाहे वो रिश्ते हों, चाहे वो करियर हो य़ा आर्थिक उन्नती . ये माता पिता की ज़िम्मेदारी है कि बच्चों को सही उम्र पर प्रयास करके उनके सपनों की दुनिया से बाहर लायें अन्यथा ज़िन्दगी जब उनको बचपने से बाहर लाती है तो बच्चों के अवसादग्रस्त होने य़ा बहुत बार जीवानहानी होने की भी सम्भावना बनी रहती है. आत्मविश्वास के भी कई दौर हैं, बचपन में आत्मविश्वास सामान्यरूप से सबसे अधिक होता है, फिर जवानी में अपेक्षाक्रत काफी कम रह जाता है और बुडापे में बहुत कम रह जाता है.
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Children's & Young Adult
- Tags: Dreams, Target, Aspirations,
- Published Date: 18-Jan-2022
क्या ऊँचे सपने देखना सही है ?
Kevin
19-Jan-2022
Excellent