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Mahesh Kumar tripathi b

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Stories By Mahesh Kumar tripathi b

Aadarsh

  • Author   Mahesh Kumar tripathi b

वह डंडे को प्रणाम करके ,जमीन पर लेट गया;यह कहते हुए कि यही है गुरु जी जिसने मुझ नालायक को लायक बना दिया ।आज मैं इसके मार से मजनू से मैनेजर बन गया।अपनी बात पूरी किए बिना वह आचार्य जी के चरणों को पकड़कर सिसक सिसक कर रोने लगा। मनुष्य तो मनुष्य है.....

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