वह डंडे को प्रणाम करके ,जमीन पर लेट गया;यह कहते हुए कि यही है गुरु जी जिसने मुझ नालायक को लायक बना दिया ।आज मैं इसके मार से मजनू से मैनेजर बन गया।अपनी बात पूरी किए बिना वह आचार्य जी के चरणों को पकड़कर सिसक सिसक कर रोने लगा। मनुष्य तो मनुष्य है.....
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Children's & Young Adult
- Tags: आदर्श शिक्षा,
- Published Date: 27-Apr-2022
१.प्रवेश
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