Stories By Roma Panth
खुद से मोहब्बत
- Author Roma Panth
अब हार सी गयी हूँ मैं खुद के ही मंज़िल के रास्तों से, इसलिए फिर से अकेले तन्हाई में खुश हूँ। अब नहीं चाहत है अपनों की न पराये की, क्योकि, इस बार मैं खुद से मोहब्बत कर बैठी हूँ।।
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अब हार सी गयी हूँ मैं खुद के ही मंज़िल के रास्तों से, इसलिए फिर से अकेले तन्हाई में खुश हूँ। अब नहीं चाहत है अपनों की न पराये की, क्योकि, इस बार मैं खुद से मोहब्बत कर बैठी हूँ।।