अब हार सी गयी हूँ मैं खुद के ही मंज़िल के रास्तों से, इसलिए फिर से अकेले तन्हाई में खुश हूँ। अब नहीं चाहत है अपनों की न पराये की, क्योकि, इस बार मैं खुद से मोहब्बत कर बैठी हूँ।।
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Other (Books)
- Tags: #khudsemohabbat #खुद से मोहब्बत,
- Published Date: 11-Jun-2022
Roma Panth
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