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Stories By Akshita

जो चल सको तो चलो

  • Author   Akshita

सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड में, तुम भी निकल सको तो चलो। किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं, तुम अपने आप को खुद बदल सको तो चलो। यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिराकर अगर तुम संभल सको तो चलो।

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खुद से खुद की पहचान करें

  • Author   Akshita

मैं कहता हूं खुद से ही कि चल कहीं दूर चलें, फिर सोचता हूं खुद में ही, कि इस अंजान दुनिया में ही, क्यों ना खुद से खुद की पहचान करें।। खोये सहमे इंसान में भी एक नई उमंग और जान भरें, इस अंजान दुनिया में ही, क्यों ना खुद से खुद की पहचान करें।।

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