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Stories By Dr Geetika

मेरे पापा का सपना

  • Author   Dr Geetika

मैं दौड़ती हुई जल्दी से घर के पिछले कमरे में पहुंची तो बुरी तरह हांफ रही थी, चेहरे पर ख़ुशी, आँखों से छलकते आंसू, और मेरे हाव-भाव से बेसब्री झलक रही थी। मैं कुछ बोलना चाहती थी, बयां करना चाहती थी, पर मेरे पास उपुक्त शब्द नही थे। बस इतना ही कह पाई "

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