मैं दौड़ती हुई जल्दी से घर के पिछले कमरे में पहुंची तो बुरी तरह हांफ रही थी, चेहरे पर ख़ुशी, आँखों से छलकते आंसू, और मेरे हाव-भाव से बेसब्री झलक रही थी। मैं कुछ बोलना चाहती थी, बयां करना चाहती थी, पर मेरे पास उपुक्त शब्द नही थे। बस इतना ही कह पाई "
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Biographies, Diaries & True Accounts
- Tags: मेरे पापा, मेरे पापा का सपना , सपना,
- Published Date: 04-Dec-2023
मेरे पापा का सपना
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Bharti
04-Dec-2023
Amazing story, yes this is true betiya beto se km nhi hoti
Ashok
05-Dec-2023
Wonderful story