Stories By Tripti
जिज्ञासा
- Author Tripti
बातों का सिलसिला जब यूँ चलता रहा तो अचानक से दिल मे एक बात आई । यूँ तो मौसम भी वक़्त से रंग बदलता है फिर क्यूं इंसानो मे नफरत की कहर है छाई । चलो हम इंसान भी रंग बदलकर देख लेते है क्या पता कुछ रंग मीठा पड़ जाए । मीठे का स्वाद किसी किसी को ही पसंद आता है पर क्या पता इस मिठास से कड़वी यादें भी कट जाएं । बहुत आसान होता है किसी को ज्ञान देना पर ज्ञान पर अमल ही कौन करता है । ज्ञान से बढ़कर है दिल मे जिज्ञासा होना । जिज्ञासा अगर है तो किसी का ज्ञान भी कम पड़ जाए ।
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