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Stories By Arpita Bhatt

मैं चाहती हुं

  • Author   Arpita Bhatt

तुम पहाड़ बनो ना मैं घाटी बनना चाहती हूं तुम सागर बनो ना मैं उसमें खोना चाहती हुं तुम धूप बनो ना मैं छावं बनना चाहती हूं तुम भोर की लालिमा बनो ना मैं रात की चांदनी बनना चाहती हुं तुम सूरज की किरणें बनो ना मैं चन्दा की आभा बनना चाहती हूं तुम पतझड़ बनो ना मैं वसंत की बहार बनना चाहती हुं तुम पश्चिमी हवा बनो ना मैं पुरबा बयार बनना चाहती हुं तुम जंगल के पेड़ बनो ना मैं उस पेड़ पर लता बनना चाहती हुं तुम जीवन बनो ना मैं श्वास की आधार बनना चाहतीं हूं तुम देव बनो ना मैं__। Arpita Bhatt

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