Loading

दिलै ज़बाँ

Author Devanand

  • 286
  • (0)
  • 0
  • शायरी
  • Published On 27-02-23
  • Language Hindi

‌इशक की न पढाई न जात होती है..रूतबाँ ओर बढ जाता ..खुदा के आगे..जब कहीं एसी बात होती है ‌खाँमियो का नतीज़ा है..अपनो से जुदाई..दुसरो कै बनस्पत खुद मे ज्यदा नज़र आई.. ‌इशक की न पढाई न जात होती है..रूतबाँ ओर बढ जाता ..खुदा के आगे..जब कहीं एसी बात होती है

  • Total Chapters: 1 Chapters.
  • Format: Stories
  • Language: Hindi
  • Category: Literature & Fiction
  • Tags: शायरी,
  • Published Date: 27-Feb-2023

दिले ज़बाँ

Write for  Delhidoordarshan teleplay Naya savera, tau ki aithh, 

Lives in Delhi

User Rating

Loading