इशक की न पढाई न जात होती है..रूतबाँ ओर बढ जाता ..खुदा के आगे..जब कहीं एसी बात होती है खाँमियो का नतीज़ा है..अपनो से जुदाई..दुसरो कै बनस्पत खुद मे ज्यदा नज़र आई.. इशक की न पढाई न जात होती है..रूतबाँ ओर बढ जाता ..खुदा के आगे..जब कहीं एसी बात होती है
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Literature & Fiction
- Tags: शायरी,
- Published Date: 27-Feb-2023
दिले ज़बाँ
Write for Delhidoordarshan teleplay Naya savera, tau ki aithh,
Lives in Delhi
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