आज को पाने मे कल मत खोना .कियोंकी सुरज तो रोज निकलता है..जैसा अभी आज है ..वो कल न होगा..हर पल..पल मे बदल है..अंधरी रात के बाद ही उजाला आता है.सुरज तो रोज निकलता है.कल को मूशकीलो मे गुजार बैठा है..बीती सो यबिसार दे आने हर पल को सवार दे. मंजिल की अब फ
- Total Chapters: 1 Chapters.
- Format: Stories
- Language: Hindi
- Category: Humour
- Tags: दिले ज़ब़ा,
- Published Date: 28-Feb-2023
दिले ज़बाँ
Write for Delhidoordarshan teleplay Naya savera, tau ki aithh,
Lives in Delhi
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